बस्ती । जिला सर्विलांस अधिकारी एसीएमओ डॉ. सीएल कन्नौजिया का कहना है कि कोरोना संक्रमण से घबराने की जरूरत नहीं है। सामान्य उपचार से ही 385 मरीज अब ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं। 28 लाख की आबादी में अभी तक 621 लोग ही पॉजिटिव मिले हैं। संभावित मरीजों को खोजने व उनकी जांच कराने का कार्य बड़े पैमाने पर चल रहा है। संक्रमण की चपेट में आए लोगों के संपर्क में आने वालों की ट्रैकिंग कराकर उनकी भी जांच कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि कोरोना से उनको जान का खतरा ज्यादा है जो एक से अधिक गंभीर बीमारियों जैसे मधुमेह, कैंसर ई. से पहले से प्रभावित हैं या अल्कोहल या फिर स्मोकिंग के भी आदती हैं।
इसलिये लोगों को डरने की बजाय सतर्क रहने की आवश्यकता है। एसीएमओ ने बताया कि संक्रमित हुए लोगों का इलाज एक सामान्य मरीज की ही तरह किया जा रहा है, और उस इलाज से उन्हें फायदा भी मिल रहा है। संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए शासन ने हर रोज लगभग 500 लोगों की सैम्पलिंग का लक्ष्य निर्धारित किया है। अभी तक जिले में लगभग 21 हजार से ज्यादा लोगों की सैम्पलिंग कराई भी जा चुकी है। इसमें से लगभग 20 हजार लोगों की रिपोर्ट मिल भी चुकी है। उन्होंने बताया कि जो लोग पॉजिटिव मिले हैं, उनमें से 385 लोग सेहतमंद होकर घर वापस भी जा चुके हैं। मेडिकल कॉलेज में कोरोना संक्रमित महिलाओं का सफल प्रसव भी कराया जा रहा है। एक महिला की मेजर सर्जरी हुई है। एक साल तक के बच्चे का इलाज मेडिकल कॉलेज में सफलता पूर्वक किया जा चुका है।
गंभीर बीमारी वालों की हुई है मौत
जिन 18 लोगों की मौत हुई है, उनमें ज्यादा उम्र वाले व किसी न किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों की संख्या ज्यादा रही है। इसीलिए स्वास्थ्य विभाग का इस बात पर विशेष जोर है कि बीपी, शुगर, टीबी, एड्स रोगियों, बुजुर्ग व बच्चों को संक्रमण से बचाने पर लोग विशेष ध्यान दें। उन्होंने बताया कि इस समय हर ब्लॉक में दो-दो टीमें बनाई गई हैं, जो गांव-गांव जाकर संभावित मरीजों का पता लगाकर सूची तैयार कर रही है। प्राथमिकता पर इनका सैम्पल लेकर जांच कराई जाएगी। जो भी पॉजिटिव मिलेगा उसका इलाज कराया जाएगा।
जांच व इलाज है निःशुल्क
एसीएमओ ने बताया कि कोरोना की जांच व इलाज पूरी तरह निशुल्क है। जांच के लिए जिला अस्पताल में व्यवस्था है। टीम जो सैम्पलिंग करती है, उसकी जांच आईसीएमआर गोरखपुर में कराई जाती है। इलाज के लिए एल-वन अस्पताल रुधौली व मेडिकल कॉलेज बस्ती में व्यवस्था है। बिना लक्षण वालों को रुधौली व लक्षण वालों को मेडिकल कॉलेज में भेजा जा रहा है। मेडिकल कॉलेज में एक्स-रे, अल्ट्रासांउड, डॉयलसिस सहित अन्य जांच की व्यवस्था है।
मॉस्क व दो गज दूरी है जरूरी
नगरीय स्वास्थ्य नोडल अधिकारी डॉ. एके कुशवाहा ने बताया कि कोरोना की न तो वैक्सीन है और न ही उसकी कोई दवा है। बचाव सबसे अच्छा तरीका है। लोगों को चाहिए कि घर से बाहर बिना मॉस्क के न निकले, कार्यस्थल पर भी मुंह व नाक को ढके रखें। एक-दूसरे से दो गज की दूरी बनाए रखें। उन्होंने कहा कि प्रायः यह देखने में आया है कि कार्यस्थल पर लोग कोविड प्रोटोकॉल को नजर अंदाज कर रहे हैं, जो खतरनाक साबित हो रहा है। किसी भी वस्तु को छूने के बाद हाथ को साबुन से जरूर धोए। बचाव अपनाकर ही कोरोना पर काबू पाया जा सकता है।
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