बस्ती। भारतीय किसान संघ बस्ती के जिला अध्यक्ष डाॅ चक्रधर द्विवेदी ने सरकार द्वारा एन. जी.टी.के आदेशों का बहाना लेकर अन्नदाता किसानों को सॉफ्ट टारगेट मानकर किसानों को उत्पीड़ित करने का जो फरमान जारी किया है और खेतों में पराली जलाने की सूचना देने के लिए ग्राम प्रधानो को दायित्व सौंपा है, वह सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाला कदम है ।
डाo चक्रधर द्विवेदी ने बताया कि भारतीय किसान संघ उत्तर प्रदेश व अन्य किसान संगठनों के साथ अपर मुख्य सचिव श्री देवेश कुमार ने एक वेब बैठक में भारतीय किसान संघ द्वारा दिए गए सुझावों को स्वीकार किया गया था।भारतीय किसान संघ उत्तर प्रदेश ने प्रस्ताव रखा था कि किसान को असहाय और सॉफ्ट टारगेट मानकर उसके विरुद्ध होने वाली कार्यवाहियों को तुरंत रोका जाए और किसानों पर दर्ज हुए एफआईआर वापस हों तथा अब कोई नई प्राथमिकी दर्ज न हो, न ही कोई आर्थिक दण्ड की कार्यवाही की जाय और
मल्चर मशीनों की तकनीक को और उन्नत किया जाय तथा सभी जनपदों में इसकी मात्रा को बढ़ाया जाय। इसके साथ ही किसानों को इसके लिये जागरूक किया जाय और पराली खरीद की व्यवस्था की जाय। उन्होंने कहा कि देश मे मात्र 4% प्रदूषण का कारक देश का 64% किसान है तब उसके विरुद्ध तत्काल दंडनात्मक कार्यवाही की जा रही और 96% प्रदूषणकर्ताओं के विरुद्ध सरकारों द्वारा समय माँगा जा रहा है। उद्योगों के लिये सरकार सर्वोच्च न्यायालय से 10 वर्ष का समय मांग सकती है तो किसानों के लिये क्यों नहीं, हमारी शान्ति प्रियता को शासन कमजोरी न समझे, किसान आर-पार की लड़ाई लड़ना जानता है ।
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