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Tuesday, September 22, 2020

बस्ती : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तत्वावधान में सीफार व यूपी टीएसयू के सहयोग से ऑनलाइन कार्यशाला आयोजित

बस्ती। परिवार के साथ ही समाज और देश की खुशहाली के लिए जरूरी हो गया है कि हर कोई छोटे परिवार के बड़े फायदे के बारे में गंभीरता से विचार करें। अनचाहे गर्भ से बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास “बास्केट ऑफ़ च्वाइस” मौजूद है। यह बात राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन-उत्तर प्रदेश के अपर मिशन निदेशक हीरा लाल ने विश्व गर्भ निरोधक दिवस (26 सितम्बर) की तैयारियों और जागरूकता पर चर्चा के लिए आयोजित ऑनलाइन कार्यशाला के दौरान कही । आयोजन स्वास्थ्य विभाग की सहयोगी संस्था सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च और उत्तर प्रदेश तकनीकी सहयोग इकाई (यूपी टीएसयू) के सहयोग से किया गया। 


राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन-उत्तर प्रदेश की परिवार नियोजन कार्यक्रम की महाप्रबंधक डॉ. अल्पना शर्मा ने कहा कि वर्ष 2018-19 की तुलना में वर्ष 2019-20 के परिवार कल्याण कार्यक्रमों के परिणाम बहुत उत्साहजनक थे किन्तु कोविड-19 महामारी के कारण इस वर्ष प्रगति धीमी रही । गर्भनिरोधक गोली छाया, प्रसव के तुरंत बाद लगने वाली पीपीआईयूसीडी और कंडोम की डिमांड ज्यादा रही । कहा कि प्रदेश की आबादी के अनुपात में करीब 57 लाख दम्पतियों तक कोई न कोई गर्भ निरोधक साधनों को पहुंचाना बहुत जरूरी है तभी हम सकल प्रजनन दर को 2.1 पर ला पाएंगे।   


अंतरा केयर लाइन (टोल फ्री नंबर- 18001033044) के संचालन का दायित्व निभाने वाली एब्ट की एसोसिएट डॉ. रवि आनंद ने कहा कि तिमाही गर्भ निरोधक साधन अंतरा इंजेक्शन अपनाने वाली महिलाओं की मदद के लिए तैनात काउंसलर जब फोन करती हैं तो लाभार्थी बेहिचक अपनी सारी समस्याओं पर बात करती हैं। 


पापुलेशन फाउंडेशन ऑफ़ इण्डिया की पूनम मुतरेजा ने महिला सशक्तिकरण पर प्रकाश डाला और परिवार नियोजन को लेकर लोगों के व्यवहार परिवर्तन की बात कही । 


कार्यशाला का संचालन कर रहीं सीफॉर की रंजना द्विवेदी ने कहा कि परिवार नियोजन कार्यक्रम को जनमुद्दा बनाना बहुत जरूरी है।


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