कोरोना से मासूमों का बचाव करेगी बेबी किट,निगरानी समिति के माध्यम से किया जाएगा वितरण
बस्ती।सफाई भी-दवाई भी- कड़ाई भी। इस मूल मंत्र के साथ स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना की तीसरी लहर का सामना करने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। हर उस घर में जहां शून्य से 12 साल तक के बच्चे हैं, उन घरों में निःशुल्क दवाई की बेबी किट पहुंचाई जाएगी। तीसरी लहर में सबसे ज्यादा बच्चों के प्रभावित होने की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग का जोर अब मासूमों की सेहत व उनके इलाज पर केंद्रित है।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डाॅ. एफ हुसैन ने बताया कि शून्य से 12 साल तक के बच्चों में कोविड का लक्षण पाए जाने पर प्राथमिक इलाज के तौर पर यह दवाई दी जा सकती है। दवा शून्य से एक साल, एक से पांच साल तथा पांच से 12 साल वाले बच्चों के लिए तीन अलग-अलग श्रेणियों में हैं। लिफाफे में दवा के साथ प्रिसकृप्शन भी मौजूद होगा।
गांवों में बनी निगरानी समिति के माध्यम से बच्चों वाले घरों तक यह दवाई वितरित कराई जानी है। आशा व फील्ड वर्कर्स से कहा गया है कि लोगों को दवा देने के साथ ही वह दवा के इस्तेमाल का तरीका भी घर वालों को बताएंगी। शासन व स्वास्थ्य विभाग की नजरों में कोरोना की जंग में हर जीवन अनमोल है।
डाॅ. हुसैन ने बताया कि जिस शिशु में कोरोना के लक्षण हैं और उसकी जांच नहीं हो सकी है, या जांच रिपोर्ट नहीं मिली है। उसे अगर केवल बुखार की समस्या है तो दवा दे सकते हैं। निगरानी समितियों के नोडल डीसीपीएम दुर्गेश मल्ल की देख-रेख में दवाओं का वितरण कराया जा रहा है।
क्या होगी बच्चों की दवा की खुराक
पैरासिटामाॅल ड्राप-100 एमजी
- दो माह तक - आधा मिली. तीन बार
- तीन से छह माह- एक मिली. तीन बार
- सात से 12 माह- एक मिली, चार बार
पैरासिटामाॅल सीरप-50 एमजी
एक से दो साल- आधा चम्मच चार बार
- दो से तीन साल-एक चम्मच तीन बार
- तीन से पांच साल-एक चम्मच चार बार
पैरासिटामाॅल टेबलेट 500 एमजी-
- पांच से 12 साल- आधी गोली तीन बार
दवा बुखार आने पर देनी है तथा खाली पेट नहीं देनी है।
मल्टीविटाॅमिन ड्राप-
सात से 12 माह- आधा मिली, सात दिन तक प्रतिदिन
मल्टी विटामिन सीरप-
- एक से दो साल- आधा चम्मच दिन में एक बार
- दो से पांच साल- आधा चम्मच दिन में दो बार
- पांच से 12 साल- मल्टीविटामिन की एक गोली दिन में एक बार रात को सोने से पहले
दस्त होने की दशा में दें ओआरएस का घोल
दस्त होने की दशा में शिशु को ओआरएस का घोल अवश्य दें। एक लीटर पानी को खौलाकर ठंडा कर लें। इस पानी में एक पैकेट पूरा ओआरएस घोल दें। दस्त आने पर बच्चे को थोड़ी-थोड़ी देर पर देते रहें।
इन बातों का भी रखें खास ख्याल-
दिन में तीन से चार बार बच्चे का श्वसन दर तथा आॅक्सीजन सेचुरेशन, पल्स आॅक्सीमीटर से जरूर नापे। आॅक्सीजन सेचुरेशन 94 प्रतिशत से ज्यादा होना चाहिए।
अगर बच्चे को अधिक खांसी आए, पसली चलती प्रतीत हो, बच्चा दूध एवं खुराक लेना बंद कर दे, तेज बुखार हो या दस्त न रूक रहा हो। बच्चा अत्यधिक रो रहा हो तथा निढाल पड़ गया हो, तो तत्काल अपने नजदीकी स्वास्थ्य केदं्र से संपर्क करें। वहां बच्चे की जांच कराएं। अस्पताल में बच्चे का आगे का निःशुल्क इलाज किया जाएगा।
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